आज के युवाओ में प्रेम (प्यार ) का स्वरूप आज प्रेम की परिभाषा ही बदल गयी है , शारीरिक बदलाव के साथ हार्मोनल बदलाव ही मन में भाव प्रकट करते है ,इस भाव के कारण युवक और युवती आकर्षित होते हैं ,,,यही आर्कषण प्यार कहलाता है , काम भावनाओ का जन्म ही आज प्रेम है ,,,,हिन्दू शास्त्रों में चार आश्रमो का जिक्र मिलता है जिसमे प्रथम ब्रह्मचर्या आश्रम है जो 7 से 21 साल तक के लोगो के लिए बनाया गया है इसमें कुछ नियम यह है की हमे सभी इंद्रियों को अपने बस में करके सिर्फ ज्ञान प्राप्त करना है ,,,,आज हमारे समाज में युवक या युवती सबसे पहले कामवासना को ही प्रेम मान अश्लीलता फैला रहे,,पार्को में ,सिनेमा हॉल में ,रेस्टुरेंट में ,हर जगह बस प्यार के नाम पर अश्लीलता फैलाई जा रही ,,,जिस आयु में जीवन को संकल्प के साथ आधार देने का समय होता है उस समय में हमारे युवा कामवासनाओ में डूबे हुए रहते हैं ,काम की तृप्ति के लिए girlfrnd बनाते है ,कई बार संगीन जुर्म जैसे बलात्कार हत्या तक को अंजाम दे देते हैं ,,,काम से सुरु काम पे खत्म जिसको ब्रेकअप कहा गया ,,इस काम वासना के खेल को ही प्य