Posts

Showing posts from February, 2019

रौतिया को ST अनुसूचित दर्जा की मांग (rautiya ST reservations)

कोई भी जाति अनुसूचित जनजाति में तीन तरीके से शामिल हो सकती है  1.एक स्वतंत्र जाति के तौर पर  2.उपजाति/उपजनजाति के तौर पर 3.भौगोलिक घटना के कारण जगह विशेष  से दूरी हुए समुदाय  रौतिया समाज द्वारा एक स्वतंत्र जाति के तौर पर ST (अनुसूचित जनजाति ) में शामिल होने के लिए बहुत बार प्रस्ताव भेजा जा चूका है ,हर बार RGI रजिस्ट्रार जनरल ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया जाता है । RGI द्वारा 2 बार लगातार अस्वीकृत करने पर तीसरी बार सिर्फ नये शोध करने के बाद ही प्रस्ताव पुन RGI को भेजा जा सकता है । रौतिया समाज को हर बार निराश होना पड़ा और अब दुबारा एक स्वतंत्र जाति के तौर पर प्रस्ताव नही भेजा जा सकता है इसलिए अखिल भारतीय रौतिया समाज द्वारा एक शोध करवाया गया ,2014 में झारखण्ड जनजाति मंत्रालय द्वारा शोध हुआ जिसमें एक सोची समझी चाल के तहत रौतिया जाति को चेरो की उपजाति बताया गया ,शोध में भरपूर कोसिस की गयी रौतिया जाति एक चेरो की उपजाति लगे , शोध होने के बाद पुनः 2016 में झारखंड सरकार द्वारा प्रस्ताव केंद्र में भेजा गया पर फिर से दुबारा RGI द्वारा2017 में  प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया

स्व कर्मपाल सिंह की पुण्यथिति village -paro ,Bano

Image