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Showing posts from May, 2019

Rautia village and the real facts

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#रौतिया_गांव_घर_और_परिवार,#पूरा_पढ़े हम 99% रौतिया परिवार गांवो में रहते हैं ,कई गांव सड़क किनारे होते हैं तो कई गांव जंगलो के बीचों बीच  ,सभी के घर कच्चे मिट्टी से बने होते हैं जिन्हें खपरैल घर भी कहा जाता है , कई सालों पहले तक लोग अपने अपने घरों को लाल मिट्टी से रँगते थे बाद में  जंगलो से चुना मिट्टी  निकाल कर थोड़े सफेद रंग से घरों की पुताई करने लगे , सभी घरों में गोबर से ही लिपाई होती है ,आज भी कई घरों में लकड़ी के चूल्हे में ही खाना बनाया जाता है , घर पर कोई अतिथि रिश्तेदार आ जाने पर अब तो प्लास्टिक खुर्शी बैठने दिया जाता है पर पहले चटाई ,या कपड़े बिछा दी जाती थी जिसे लेदरा भी कहते हैं ,घर में रहने वाले पुराने बुजुर्ग महिलाओ  में आदर ,सम्मान ,सत्कार ,भाव काफी होते थे ,उनके पैरो हाथो में  कई डिजाइन बने होते थे जिसे आजकल लोग आधुनिक युग में टैटू कहते हैं ,कानो में बड़े बड़े करंज फूल बाली ,गले में सिल्वर का गोल सा हार ,हाथो में भी अलग किस्म की चुड़ी , घर के बुजुर्ग ज्यादातर पढ़े लिखे नही होते थे मगर काफी समझदार, आदर ,प्रेम ,भाई चारा रखते थे ,साथ में रिश्ते मान मर्यादा भी जानते थे , रौतिय

प्यार का जूठा खेल

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#भाई_बहन_पूरा_पढ़े_ #प्रेम_जाल_का_भंडा_फोड़ इस लेख को पढ़ने के बाद कई लोगो को बुरा लगेगा क्यों सत्य कड़वा होता है ,इस लेख को लिखने की मैंने जरूरत महसूस की क्यों समाज के युवक युवती को इस विषय में जानकारियों का अभाव है जिसके कारण आज कई पीढियां प्रभावित हो रही हैं आज हमारे समाज में युवक युवती की सँख्या काफी है और वो आने वाली पीढ़ी हैं ,युवा पीढ़ी के द्वारा किया गया  वर्तमान में    हर सही ,गलत कार्य आने वाले समाज के निर्माण का आधार होगा ,आने वाला समाज कैसा होगा ये आज की युवा पीढ़ी पर निर्भर करता है ,,,कुछ चंद सालो से हमारे समाज का सामाजिक सन्तुलन काफी बिगड़ गया है , सामाजिक बुराई इतने ज्यादा बढ़ गए हैं जिसमे अच्छाई दूर दूर तक नजर ही नही आते ,,आज का विषय प्रेम से है  ,इस विषय में न माँ बाप बात करते, न दोस्त सही  जानकारी देते हैं,,,प्रेम, प्यार ,लव जिसे कई नामो से जाना जाता है ,आज जीवन के चंद उम्र में इसका असर काफी युवाओं में देखने को मिलता है ,लोगो में प्यार का नशा दुनिया की जहरीली नशा से भी ज्यादा सर चढ़ कर बोलता है ,,जिसे लोग प्यार समझ कर मरने जीने की कसमें खाते हैं वो एक मात्र शारीरिक परिवर्