1 जनवरी को नव वर्ष न मनाएं
1st जनवरी हमारा नव वर्ष नहीं हे : मुझे दुख है कि मैं आज से पहले भारतीय नव वर्ष को जान ही न पाया,भारतिय सस्कृति के हिसाब से मनाए नव वर्ष आज मेरे मित्र ने मुझे एक पोस्ट भेजी जिसने मेरे पिछले 25 सालों में की जा रही गलतियों एहसास कराया। दोस्तों यह गलती आप लोग भी किसी ना किसी कारण वश करते हैं। मुझे याद है बचपन में माता जी दादा दादी चैत्र मास में पूजा का आयोजन करते थे । और हमारे लिए नए-नए कपड़े भी बनाए जाते थे। परंतु 1 जनवरी आने से पहले ही हमारे टीवी एवं अखबारो मे नव वर्ष आने वाला हे ये सस्ता लैला और टीवी पर विशेष रंगारंग कार्यक्रम आयेगा उसे पॉपुलर कर दिया जाता था । और मैं भी अपने मित्रो के साथ खूब मस्ती करता था । और पिछले इतने सालों से हम सभी बहुत खुशी से झूम झूम कर 31 दिसंबर की रात को 1 जनवरी की सुबह तक नाच नाच कर एक कर देते हैं। आज जब मैंने अपने मित्र की पोस्ट पड़ी तब मुझे बहुत दुख हुआ कि मैं इतने सालों तक किस तरीके से अपनी संस्कृति का दमन करते रहा । आज मुझे अपनी गलतियों का एहसास हुआ कि मैंने जब मेरे माता पिता दादा दादी हिंदू नव वर्ष का पूजन करते थे तब उसकी महता को ना समझा। मित्र